हम सबने बचपन से ये तो सुन ही रखा होगा के हर सिक्के के दो पहलु होते हैं मतलब इस आधुनिक दुनिया में जब भी कोई इन्वेंशन होता है तो उसके अच्छे-बुरे दोनों परिणाम सामने आते हैं। कैमरा के अविष्कार ने जहाँ एक तरफ क्राइम के खिलाफ सबूत जुटाने में मदद की तो स्पाई कैमरा ने पोर्न वीडियो भी बना डाला। इंटरनेट के आविष्कार ने चीजों को बहुत सरल तरीकों से हम सबके पास पहुंचाया तो साइबर क्राइम को भी बढ़ावा दिया। ठीक इन सबसे मिलता जुलता आज का सोशल मीडिया भी जहाँ हमे अपने पुराने-बिछड़े दोस्तों से मिलवाया, अपनों के बीच दूरियाँ कम की, दुनिया में चल रही अनेक घटनाओ के जानने का साधन बना तो दूसरी तरफ नफरती कारोबार का साथी भी। ठीक इसी का उदहारण आज-कल सोशल मीडिया पर चल रहे Siraj और Virat के बीच का तुलना भी है।
इसमें कोई दो राय नहीं के Siraj ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है और अपने संयम का परिचय दिया है पर आज-कल सोशल मीडिया पर चल रहे बाते बेहद दुखद करनी वाली है। सोशल मीडिया पर Siraj का फोटो शेयर करते हुए ये कहा जा रहा है के सिराज ने अपने पिता के देहांत होने के बाद भी न जाने का फैसला किया और देश के लिए लड़ते रहे जबकि Virat अपने बच्चे के पैदा होने से पहले ही ऑस्ट्रेलिया दौरा छोड़ भारत आ गए इसलिए सिराज असली हिंदुस्तानी है Virat नहीं। क्या ये तुलना सही है ? जबकी Siraj अपने दिए गए इंटरव्यू में बताते है के कैसे विराट ने उनकी हमेशा मदद की है चाहे वो IPL के बैंगलोर में हो या भारत टीम में। Siraj अपना हीरो Virat को बताते है और उनकी तारीफ़ करते नहीं रुकते।
अब आप ही सोचे जहाँ पर नफरत के लिए तिनके भर का जगह नहीं वहां पर भी नफरत घोलने की ये कैसी कोशिश है? किसी भी आधार पर किया गया नफरत कभी भी आपको अच्छा मनुष्य नहीं बना सकता चाहे वो जाती के आधार पर हो, धर्म के आधार पर हो, रंग-भेद के आधार पर हो, भाषा के आधार पर हो, पहनावा के आधार पर हो या कुछ और बस ये आपको विषैला ही बनाएगा और धीरे-धीरे हत्यारा। हम सबने अमृत के बारे में सुना है जिसके पीने से हम अमर हो जाते हैं पर आज तक किसी को मिला नहीं पर मेरी मानिये तो अमृत का दूसरा नाम ही प्यार है। क्यों के आप का शरीर नश्वर है पर आप प्यार से दूसरों के दिलों में जो जगह बनायेंगे वो आपको मरने के बाद भी जिन्दा रखेगा।
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